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धामी’ की बढ़ती ‘धमक’, 60 दिन में देशभर में किये ताबड़तोड़ 204 चुनावी कार्यक्रम

‘धामी’ की बढ़ती ‘धमक’, 60 दिन में देशभर में किये ताबड़तोड़ 204 चुनावी कार्यक्रम


बीते 60 दिनों में धामी ने देशभर में 204 चुनावी कार्यक्रमों में किया प्रतिभाग, नामांकन, रोड शो, जनसभाएं इत्यादि कार्यक्रम में रहे शामिल, धामी का बजा डंका..

 

मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड में 109 तो देश के विभिन्न राज्यों में की ताबड़तोड़ 95 बड़ी जनसभाएं, रोड शो.. धामी की लोकप्रिय ग्राफ बड़ा

स्पेशल रिपोर्ट : समान नागरिक सहिंता व अन्य महत्वपूर्ण निर्णयों ने बढ़ाई धामी की देश में लोकप्रियता….

बात धामी की : उत्तर से लेकर दक्षिण और पूरब से लेकर पश्चिम तक चुनावी कार्यक्रमों में किया प्रतिभाग, ताबड़तोड़ किया भाजपा के लिए प्रचार पढ़े पूरी रिपोर्ट

देश के तमाम राज्यों में रही देवभूमि के धामी की डिमांड, कही राज्यों में एक बार प्रचार के बाद दोबारा आया बुलावा..

दामिनी खूब बहाया पसीना, उनके हर कार्यक्रम में जमकर उमड़ी युवाओं व महिलाओं की भीड़…

धामी के अन्य राज्यों में ताबड़तोड़ प्रचार प्रसार से बड़ा उत्तराखंड का मान सम्मान, और धामी की लोकप्रियता में भी आया जबरदस्त उछाल

उत्तराखंड में जिस तरह से धामी ने समान नागरिक सहिंता को लागू किया, उसके बाद से लगातार उनके चर्चे देश भर में रहे

छोटे राज्य का मुख्यमंत्री होने के बावजूद जिस तरह के बड़े और अहम निर्णय धामी ने लिए उसे भाजपा आलाकमान ने भी भुनाने में कसर नहीं छोड़ी एक रिपोर्ट

 

देश में सात चरणों में सम्पन्न हुए लोकसभा चुनावों में धामी ने 60 दिन की अवधि में ताबड़तोड़ 204 कार्यक्रम देशभर में किये

मुख्यमंत्री धामी ने तेलंगाना सहित दिल्ली, हिमाचल, हरियाणा, पंजाब, बंगाल, मुंबई, झारखंड, उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों में प्रचार किय

धामी ने वनाग्नि से लेकर चारधाम की चुनौती से भी पार पाया.

मुख्यमंत्री धामी जहां देश मे चुनाव प्रचार में व्यस्त थे तो उनके समक्ष अपने राज्य से वनाग्नि से लेकर चारधाम यात्रा के सुचारू संचालन के रूप में चुनौतियां भी पेश आयी लेकिन उन्होंने इन चुनौतियों पर भी पार पा के दिखाया

 

 

 

 

 

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लोकसभा चुनाव में भाजपा के सबसे व्यस्त स्टार प्रचारकों में से एक साबित हुए हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीते 60 दिनों में धामी ने देशभर में 204 चुनावी कार्यक्रमों में प्रतिभाग किया। इनमें नामांकन, रोड शो, जनसभाएं इत्यादि कार्यक्रम शामिल रहे। महत्वपूर्ण यह भी है कि मुख्यमंत्री धामी ने इस दौरान देश के अनेक स्थानों पर 95 बड़ी जन सभाओं, रोड शो में भी प्रतिभाग किया।
समान नागरिक संहिता कानून, सख्त नकल विरोधी कानून, सख्त धर्मांतरण कानून, सख्त दंगा नियंत्रण कानून। ये कुछ ऐसे बड़े फैसले रहे, जिनसे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की लोकप्रियता का ग्राफ देश भर में तेजी से बढ़ा है। खासतौर से उत्तराखंड में जिस तरह से धामी ने समान नागरिक सहिंता को लागू किया, उसके बाद से लगातार उनके चर्चे देश भर में रहे। भारतीय जनता पार्टी ने भी इन लोकसभा चुनाव के मेनिफेस्टो में समान नागरिक सहिंता को देश में लागू करने को गारंटी के रूप में शामिल किया। यह एक ऐसा ऐतिहासिक फैसला रहा जिसके चलते मुख्यमंत्री धामी की धमक पूरे देश में देखने को मिली। छोटे राज्य का मुख्यमंत्री होने के बावजूद जिस तरह के बड़े और अहम निर्णय धामी ने लिए उसे भाजपा आलाकमान ने भी भुनाने में कसर नहीं छोड़ी। देश में सात चरणों में सम्पन्न हुए लोकसभा चुनावों में धामी ने 60 दिन की अवधि में ताबड़तोड़ 204 कार्यक्रम देशभर में किये। इनमें तमाम नामांकन कार्यक्रम से लेकर रोड शो, रैली, जनसभा शामिल रही। देश के विभिन्न राज्यों में उन्होंने चुनाव प्रचार किया और हर कार्यक्रम में हजारों की संख्या में युवाओं, महिलाओं की भीड़ उन्हें सुनने के लिए उमड़ती रही। मुख्यमंत्री धामी ने इस दौरान तेलंगाना सहित दिल्ली, हिमाचल, हरियाणा, पंजाब, बंगाल, मुंबई, झारखंड, उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों में प्रचार किया। तेलंगाना में तो उनकी इतनी डिमांड रही कि उन्हें वहां से दोबारा चुनावी कार्यक्रमों के लिए बुलावा आया।
उत्तराखंड में भी विगत 60 दिनों में उन्होंने कुल मिलाकर 109 कार्यक्रमों में प्रतिभाग किया तो इसके साथ-साथ ही वे देश के तमाम राज्यों में भी बिना रुके-बिना थके चुनावी कार्यक्रमों को धार देते रहे। मुख्यमंत्री धामी के साथ उनके चुनावी कोऑर्डिनेटर के रूप में उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन के उपाध्यक्ष श्री विनय रोहिल्ला भी हर पल उनके साथ मौजूद रहे।

*वनाग्नि से लेकर चारधाम की चुनौती से भी पार पाया*

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जहां देश मे चुनाव प्रचार में व्यस्त थे तो उनके समक्ष अपने राज्य से वनाग्नि से लेकर चारधाम यात्रा के सुचारू संचालन के रूप में चुनौतियां भी पेश आयी लेकिन उन्होंने इन चुनौतियों पर भी पार पा के दिखाया। मई की शुरुआत में जब उत्तराखंड के जंगल धधकने लगे तो धामी चुनावी व्यस्तताओं को छोड़ देहरादून लौटे और सचिवालय में उच्च स्तरीय बैठकें कर जरूरी निर्देश जारी किए। इस का नतीजा यह रहा कि पूरा सिस्टम हरकत में रहा और वनाग्नि पर तेजी से काबू पाया जा सका। इसी प्रकार से जब 10 मई से चारधामों के कपाट खुलने शुरू हुए तो अप्रत्याशित भीड़ धामों में उमड़ने लगी। ऐसे में बगैर देर किए सीएम धामी ने न केवल देहरादून लौटकर बैठकें की बल्कि स्थलीय निरीक्षण कर तंत्र को सक्रिय किया। नतीजा एक सप्ताह में सारी व्यवस्थायें सुचारू रूप से संचालित होने लगीं। सीएम धामी की इन्हीं सब कार्य कुशलता के कारण राजनाथ सिंह ने उन्हें ऑलराउंडर की ख्याति दी है।

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